शहीद हुए 20 जवानों में बिहार रेजीमेंट के 12 सैनिक

शहीद हुए 20 जवानों में बिहार विद्रोह के 12 सैनिक
सेना की ओर से जारी शहीदों की सूची के मुताबिक 20 में से 12 सैनिक बिहार रेजीमेंट के थे। इस झड़प में बिहार रेज़मेंट के प्रणोदन अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू और कनिष्ठ अधिकारी अधिकारी कुंदन कुमार झा शहीद हो गए हैं। इनके अलावा सिपाही अमन कुमार, चंदन कुमार, दीपक कुमार, गणेश कुंजाम, गणेश राम, केके ओझा, राजेश ओरांव, सीके प्रमुख, नायब सूबेदार नंदूराम और हवलदार सुनील कुमार देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
इसलिए हुआ है कि सीमा पर बिहार रेजीमेंट की तैनाती है
बिहार रेजीमेंट का शौर्य ऐतिहासिक है। यह रेजीमेंट भारतीय सेना के एक मजबूत अंग है। कहा जाता है कि बिहार रेज़मेंट के जवानों का प्रशिक्षण ऐसा होता है कि वह किसी भी स्थिति में बने रह सकते हैं। इसीलिए दुर्गम और जटिल परिस्थितियों में उन्हें तैनात किया जाता है और इसीलिए उन्हें एलएसी पर तैनात किया गया है। यह रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी पैदल सेना रेजीमेंट में से एक है। इसका गठन वर्ष 1941 में किया गया था।
करगिल युद्ध में भी भारत की जीत के पीछे बिहार रेजीमेंट के जवानों का बड़ा योगदान था। जुलाई 1999 में बटालिक सेक्टरे प्वाइंट 4268 और जुबर रिज पर जब पाक बाधाओं ने कब्जा करने की नापाक कोशिश की तो उन्हें खदेड़ने वाले बिहार रेजीमेंट के ही जवान थे। इसके साथ ही 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में पाक तेजी लाने वालों से भी इसी तरह की नाराजगी ने लोहा लिया था। इस दौरान रेज़मेंट के 15 युवा शहीद हुए थे।