Nandkishore Bhagat Vidarbha & Nagpur Correspondent

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न्यायदीन बंदियों का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय पटल पर उठाएंगे डॉ.नंदकिशोर
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डॉ.नंदकिशोर भगत का पेपर वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी के 18वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी हेतु स्वीकृत न्यायदीन बंदियों की भारत में दयनीय स्थिति
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नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, गुजरात (इंडिया) की मेजबानी
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निलांशु रॉय, संपादक, समाजकार्य पत्रिका
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इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, इंडिया के एग्जीक्यूटिव मेंबर तथा आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा, महाराष्ट्र के अपराधशास्त्र व सुधारात्मक प्रशासन के विभाग प्रमुख डॉ.नंदकिशोर भगत द्वारा न्यायदीन बंदियों पर प्रस्तुत पेपर को वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी में स्वीकृत किया गया है। 1से 5 सितंबर 2024 को गांधीनगर,गुजरात, भारत में होने वाली वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी की 18वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की वैज्ञानिक कार्यक्रम समिति द्वारा समीक्षा की गई और स्वीकार किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय “पीड़ित विज्ञान और पीड़ित सहायता में फोरेंसिक और समकालीन परिप्रेक्ष्य” है। इसका आयोजन राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात (भारत) ने किया है। गौरतलब है की डॉ.नंदकिशोर भगत ने 24 जून 2024 को “विचाराधीन कैदियों को जेल से अलग निरीक्षण गृह की आवश्यकता!” विषय पर पेपर का एब्सट्रेक भेजा था। पेपर स्वीकृति के लिए उन्होंने वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी का धन्यवाद व्यक्त किया है और कहा है की न्यायदिन बंदियों की भारत में दयनीय स्थिति है। उनके लिए पेपर के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पटल पर बात तो उठेगी। इनके अधिकारों, कल्याण और सुविधाओं के लिए कई लोगों ने अपना जीवन लगा दिया।उन्होंने कहा की अपराधशास्त्र और पीड़ितशास्त्र/विक्टिमोलॉजि के अभिनव ज्ञान में मेरे पेपर के माध्यम से एक नया अध्याय जुड़ेगा।

डॉ.नंदकिशोर ने न्यायदिन बंदियों के लिए अपने जीवन का बहुत सा समय समर्पित किया है। उन्होंने अपनी उपलब्धि पर वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी के जेनिस जोसेफ और जैको बरखुइज़न जी का आभार और धन्यवाद माना है।

डॉ.नंदकिशोर भगत ने अपनी इस वैश्विक उपलब्धि पर अपने माता पिता, पत्नी बच्चियों, संयुक्त परिवार तथा गुरुजनों का ह्रदय से आभार,धन्यवाद माना है।
अपने मार्गदर्शक रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक स्व. डॉ.चंदनसिंह रोटेले जी, अध्यक्ष डॉ.केदारसिंह रोटेले, उपाध्यक्ष श्रीमती किरणताई रोटेले, सचिव कु.काजोल रोटेले, अपराधशास्त्र के गुरुजनों प्राचार्य डॉ. वी. वी. देवासिया, प्राचार्य डॉ.केशव पाटिल, प्राचार्य डॉ.विजय शिंगनापुरे, प्राचार्य डॉ.जॉन मेनाचेरी, वरिष्ठ अपराधशास्त्री डॉ.एम.जेड.खान, डॉ.अरविंद तिवारी, डॉ.बी. वी.त्रिवेदी, डॉ.जी.एस. बाजपाई, आईएससी प्रेसिडेंट डॉ. एन.चक्रवर्ती, आईएससी चेयरमैन डॉ. पूर्वी पोखरियाल, पूर्व चेयरमैन डॉ. माधव सोमसुंदरम, पूर्व सचिव डॉ.सय्यद उमर, डॉ.दीपक गुप्ता, आईएससी नागपुर चैप्टर प्रेसिडेंट डॉ.उदय बोधनकर, उपाध्यक्ष समन्वय संपादक श्री आनंद निर्बान, संपादक श्री संजय तिवारी, उपाध्यक्ष डॉ.केशव वाल्के, डॉ.चंदू पाटिल तथा न्यायदिन बंदियों के समाचार, वेबिनर आदि के लिए अति विशेष सहयोग करने वाले मेरे गुरु दैनिक भास्कर, नागपुर के समूह संपादक श्री प्रकाश दुबे जी, कोर्ट फिल्म के कलाकार स्व.वीरा साथीदार जी तथा समाज कार्य के मेरे समस्त मित्र प्राध्यापक, आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा के समस्त प्राध्यापक मित्र एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का मैं दिल से ऋणी और आभारी हूं। आप सभी की बदौलत न्यायदिन बंदियों की आवाज उठाने में मुझे आत्मशक्ति और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
आप सभी महानुभावों का ह्रदय से वंदन और धन्यवाद।

डॉ.नंदकिशोर भगत
एग्जीक्यूटिव मेंबर तथा संस्थापक सचिव,
इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, इंडिया एवं नागपुर चैप्टर।
विभाग प्रमुख, अपराधशास्त्र व सुधारात्मक प्रशासन, आठवले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, भंडारा