थारु जनजाति :पर्यावरण सुरक्षा की अनूठी परंपरा,चंपारण मैं सदियों से तीन दिन का लाक डाउन

Source By TNN
थारु जनजाति :पर्यावरण सुरक्षा की अनूठी परंपरा,चंपारण मैं सदियों से तीन दिन का लाक डाउन , गलती से तिनका भी तोडा तो ५०० रुपये जुर्माना
दैनिक भास्कर नो नेगेटिव मंडे शोर्ट फिल्म कांटेस्ट के तहत थारू जनजाति द्वारा मनाया जाने वाले बरना पर्व पर एक पर्यावरण जागरूकता हेतु एक शोर्ट फिल्म .
थारू जनजाति , प्रकृति ,और लॉक डाउन का आपस मैं गहरा रिश्ता है .आम तोर पर लॉक डाउन शब्द हम सभी ने कोरोना काल मैं ही सुना था , लेकिन ये लोग सदियों से बरना त्यौहार मानते आ रहे है … इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और जंगलों की रक्षा करना , और यही से शुरू होता है लॉक डाउन . सभी गाँव वासी अपनी स्वेच्छा से ६० से ७० घंटों तक अपने घरों मैं बंद हो जाते है यहाँ तक की वे अपने जानवरों को भी घर अन्दर ही ले जाते है
तो आइये आप और हम सभी बरना लॉक डाउन को माने और पर्यावरण की रक्षा करे …..