जनजातीय गांवों के अछे दिन उत्कर्ष अभियान से सुविधाओं का होगा विकास

जनजातीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार और समग्र विकास को केंद्र सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की है।
इसका उद्देश्य जनजातीय गांवों में बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कृषि में सुधार है।
पीलीभीत जिले के सात जनजाति बहुल गांवों के दिन बहुरे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद जितिन प्रसाद के प्रयासों से इन गांवों को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में चयनित किया है। इन गांवों में बिजली, सड़क और पेयजल आपूर्ति के कार्य प्राथमिकता से कराए जाएंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर की जाएंगी।
जनजातीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार और समग्र विकास को केंद्र सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की है। इसका उद्देश्य जनजातीय गांवों में बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कृषि में सुधार है। केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के प्रयासों से जिले के सात जनजातीय बहुल गांव इसमें शामिल किए हैं। इन गांवों में कलीनगर तहसील के बंदरबोझ, नौजल्हा नकटहा, ढकिया ता. महराजपुर और पूरनपुर के पूरनपुर खास(रूरल), चंदिया हजारा, शांतिनगर और कबीरगंज शामिल हैं। इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान होगा। विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा।
उत्कर्ष अभियान में चयनित गांवों में सड़क, जलापूर्ति, बिजली व्यवस्था को सुधारा जाएगा। विद्यालयों की स्थिति में सुधार और युवाओं के लिए रोजगार आधारित कौसल विकास कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओंं में सुधार कराया जाएगा। वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्राथमिकता से क्रियान्वयन कराया जाएगा। केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि इस अभियान से जनजातीय समुदायों के विकास को नई दिशा मिलेगी।