बुजुर्गों के अनुभव से युवाओं को मिलती है प्रेरणा

आदिवासी जनजातीय न्यूज नेटवर्क स्टेट हेड ने सुजीत सिघ परिहार रायपुर द्वारा
रायपुर। समाजपरिवार में बुजुर्ग वटवृक्ष का रूप होता है। उनके आदर्श संस्कारों का युवा पीढ़ी को जीवन में अनुसरण करना चाहिए। बुजुर्गों का मान-सम्मान हमारी सुसभ्य संस्कृति स्वस्थ मानसिकता का परिचायक है। बदलते परिवेश में नई पीढ़ी को बुजुर्गों के अनुभव सीख से प्रेरणा मिलती है। यह बात संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने शनिवार को बुजुर्गो की चौपाल की ओर से बुजुर्गो के प्रति बदलते युवा की सोच पर आयोजित ऐतिहासिक परिचर्चा समारोह में बतौर अध्यक्षता संबोधन में कही।
इस दौरान आयोजन के मुख्य अतिथि आबकारी मंत्री एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जिस परिवार को बुजुर्ग का आशीर्वाद मिल जाता है, वह खुशनसीब होता है और निरंतर तरक्की भी करता है। उन्होंने युवा पीढ़ी को सामाजिक परिवर्तन के दौर में अपनी सेवाभावी सोच को मानसिक विचार बनाने का आह्वान किया।
संस्था प्रमुख प्रशांत पांडे ने युवाओं से बुजुर्गों की सेवा और उनकी उचित देखभाल का दायित्व निभाने की बात कही। साथ ही परिचार्च के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, महापौर एजाज ढेबर, पंकज शर्मा, पार्षद सतनाम सिंह पनाग, पार्षद जीतेन्द्र अग्रवाल, थाना प्रभारी योगिता खापर्डे, डॉ. हरिकृष्ण प्रधान, अध्यक्ष जया गढ़पाले, पद्मा शर्मा, पूजा पांडे, ज्योति जैन, मोहित चंद्राकर, शैलेन्द्र रात्रे सहित सैकड़ो की संख्या में समाज सेवक मौजूद रहें।
सम्मानित हुए अनेक सामाजिक संगठन
आयोजन के दौरान 21 से अधिक सामाजिक सेवा संस्था को साल श्रीफल व मूमेंटो देकर सम्मानित किया गया। जिसमे ऐसे संस्था है शामिल है जो समाज में अपने संगठन के माध्यम से लगतार सेवा कार्य कर रहें है। तथा अपने अपने कार्य क्षेत्र में उपलब्धिया प्राप्त की है। साथ ही 51 व्यक्ति विशेष को भी सम्मानित किया गया।