गलवां घाटी में फर्ज की राह में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दें।

गलवां घाटी में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों के साथ पूरा देश खड़ा है।
गलवां घाटी में फर्ज की राह में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दें।
गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प में बिहार रेजीमेंट के सैनिकों ने दिया था अद्भुत साहस का परिचय . 15 जून की रात को उत्तरी लद्दाख के गलवां घाटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की भिड़ंत में भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट ने गजब का साहस दिखाया था। बिहार रेज़मेंट के सैनिकों ने अपने फर्ज का परिचय देते हुए चीनी सैनिकों को यह अहसास दिया कि हम किसी भी स्थिति में पीछे हटने वाले नहीं हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि झड़प के दौरान लगभग आधे भारतीय सैनिक मारे गए लेकिन, उन्होंने अंतिम समय तक वीरता से लड़ाई की सीट पर कब्जा कर लिया।
चीनी सैनिकों से शांति से बात करने वाली भारतीय तेंदुआ अधिकारी पर उन्होंने जब हमला किया, तो चीनियों को लगा कि अब भारतीय सैनिक अपने अधिकारी को गिरता देख डर के मारे वहां से भाग जाएंगे। लेकिन चीनियों की यह सोच महज गलतफहमी साबित हुई। इसके बदले उन्हें भारतीय सैनिकों के गुस्से और प्रतिकार का सामना करना पड़ा। भारतीय सैनिकों ने चीनियों की ज्यादा संख्या होने के बावजूद उन्हें करारा जवाब दिया।
हथियार होने के बावजूद नियमों का ध्यान रखते हुए बिहार रेज़मेंट के जवानों ने खाली हाथ चीनी सैनिकों का मुकाबला किया। घंटों चले इस झड़प में दोनों पक्षों की ओर से कई सैनिकों की जान चली गई। अमेरिकी इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक इस झड़प में चीन के 30 सैनिक और एकांडिंग अधिकारी भी मारे गए। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को स्पष्ट क्या कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय सैनिकों ने साहसुरी से चीनियों को जवाब दिया और अंत तक समाप्त होने जा रहा है।